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Ve Kamal Ke Phool
Mukul Varshney Rani
(Autor)
·
Prabhat Prakashan Pvt Ltd
· Tapa Dura
Ve Kamal Ke Phool - Rani, Mukul Varshney
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Reseña del libro "Ve Kamal Ke Phool"
यादों के झरोखे से मेरा प्रथम प्रयास है, जिसमें मैंने अपनी कृतियों को संगृहीत किया है। मैं कोई महान् लेखिका तो नहीं, पर अपने विद्यार्थी जीवन से ही मुझे साहित्य पढ़ने व लिखने का शौक रहा। वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के साथ मुझे निबंध और कहानी लिखने का भी शौक था। दसवीं कक्षा में मुझे मेरी कहानी स्मृति पर प्रथम पुरस्कार भी मिला। जीवन में अनेक व्यक्तियों के संपर्क में आना हुआ और उन्हें निकट से देखने-परखने का अवसर मिला। मैंने उन्हीं के चरित्र, व्यक्तित्व एवं घटनाओं को सच्चाई के साथ कागज पर उतारने की चेष्टा की है। कुछ पात्र मनोरंजक हैं तो कुछ अति करुण, तो कुछ मन और मस्तिष्क को छूनेवाले हैं। वे कमल के फूल तो मेरे लिए अविस्मरणीय ही हो गए हैं। शेष सभी पात्र भी मुझे अतिप्रिय हैं। मैंने पात्रों को अपनी मिठास भरी लोक भाषा ही बोलने दी है। आशा करती हूँ कि पढ़कर आपको भी आनंद आएगा। यह तो मेरी अपनी राय है। आपकी राय जानने की प्रतीक्षा रहेगी। --1-- मानवीय संवेदना, पारिवारिक संबंध सामाजिक सरोकार और जीवन के विविध रंगों का समुच्चय है यह कहानी-संग्रह 'वे कमल के फूल'। ये मर्मस्पर्शी कहानियाँ आपके हृदय को स्पंदित करेंगी और आपके मनोभावों को झंक
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Dura.
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