Reseña del libro "Tumhaare Naam Tathaa Anya Kahaniyan (en Hindi)"
हिमांशु जोशी जन्म 4 मई, 1935, उत्तराखण्ड । कृतित्वः यशस्वी कथाकार, उपन्यासकार। लगभग 'साठ वर्षों तक लेखन में सक्रिय रहे। प्रमुख कहानी-संग्रह- अंततः तथा अन्य कहानियाँ', 'मनुष्य चिह्न तथा अन्य कहानियाँ', 'जलते हुए डैने तथा अन्य कहानियाँ', 'तीसरा किनारा तथा अन्य कहानियाँ', 'अंतिम सत्य तथा अन्य कहानियाँ', 'सागर तट के शहर तथा अन्य कहानियाँ', 'सम्पूर्ण कहानियाँ' आदि। प्रमुख उपन्यास - 'महासागर', 'अरण्य', 'छाया मत छूना मन', 'कगार की आग, 'समय साक्षी है', 'तुम्हारे लिए', 'सु-राज'। वैचारिक संस्मरणों में 'उत्तर- पर्व' एवं 'आठवाँ सर्ग' तथा कविता-संग्रह 'नील नदी का वृक्ष' उल्लेखनीय हैं। 'यात्राएँ', 'नार्वे सूरज चमके आधी रात' यात्रा- वृत्तांत भी विशेष चर्चा में रहे। उसी तरह काला पानी की अनकही कहानी 'यातना शिविर में भी। समस्त भारतीय भाषाओं के अलावा अनेक रचनाएँ अंग्रेजी, नार्वेजियन, इटालियन, चेक, जापानी, चीनी, बर्मी, नेपाली आदि भाषाओं में भी रूपांतरित होकर सराही गई। आकाशवाणी, दूरदर्शन, रंगमंच तथा फिल्म के माध्यम से भी कुछ कृतियाँ सफलतापूर्वक प्रसारित एवं प्रदर्शित हुईं। बाल साहित्य की अनेक पठनीय कृतियाँ प्रकाशित हुई। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अनेक सम्मान